महाराष्ट्र ने केंद्र सरकार द्वारा जीता ₹260.91 करोड़ का प्रोत्साहन
महाराष्ट्र को पिछले चार सालों में रूफटॉप सोलर पावर उत्पादन करने में शानदार प्रदर्शन करने के लिए केंद्र सरकार से ₹260.91 करोड़ का इंसेंटिव प्रदान किया गया है। राज्य ने यह उपलब्धि रेजिडेंशियल रूफटॉप सोलर पैनल स्थापना की स्थापना, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दे कर हासिल की है और अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में से एक बन गया है।
हाइलाइट्स
- रूफटॉप सोलर योजना के तहत महाराष्ट्र ने काफी शानदार प्रदर्शन दिया है जिससे राज्य को प्रोत्साहन मिला है।
- यह पुरस्कार राज्य को सरकारी सब्सिडी द्वारा समर्थित रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन को बढ़ावा और सोलर पावर उत्पादन में राज्य की प्रगति को दर्शाता है।
- इसका मुख्य कारण प्रधानमंत्री सूर्याघर मुफ्त बिजली योजना है जिसके माध्यम से रूफटॉप सोलर से स्थापित घरों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जाती है।
केंद्र सरकार के प्रोत्साहन का कारण जानें

रूफटॉप सोलर योजना के तहत महाराष्ट्र ने काफी शानदार प्रदर्शन दिया है जिससे राज्य को प्रोत्साहन मिला है। यह पुरस्कार राज्य को सरकारी सब्सिडी द्वारा समर्थित रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन को बढ़ावा और सोलर पावर उत्पादन में राज्य की प्रगति को दर्शाता है।
इसका मुख्य कारण प्रधानमंत्री सूर्याघर मुफ्त बिजली योजना है जिसके माध्यम से रूफटॉप सोलर से स्थापित घरों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जाती है। साथ ही इसके माध्यम से नागरिक बची हुई बिजली को वापस ग्रिड में भेज कर पैसे भी कमा सकते हैं।
सोलर परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता
महाराष्ट्र ने लगातार अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में शानदार वृद्धि दी है जिसके कारण यह देश के अग्रणी राज्यों में से एक बन गया है। राज्य ने वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए ₹59.37 करोड़, वित्त वर्ष 2021-22 में ₹69.47 करोड़, वित्त वर्ष 2022-23 में ₹94.91 करोड़, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अतिरिक्त ₹137 करोड़ की परियोजनाओं पर खर्च किया है।
सोलर एनर्जी अपनाने में राज्य की प्रमुख उपलब्धियाँ जानें
महाराष्ट्र में 2,37,656 उपभोक्ताओं ने सोलर सिस्टम लगाए हैं जिससे कुल 2,738 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है। प्रधानमंत्री सूर्याघर मुफ्त बिजली योजना के तहत महाराष्ट्र में 81,938 उपभोक्ताओं ने कुल क्षमता में 323 मेगावाट का योगदान दिया है जिससे राज्य पारम्परिक ऊर्जा के स्रोतों पर निर्भर हुए बिना अपनी बिजली की ज़रूरतों को पूरा कर सकता है। महाराष्ट्र में अब तक ₹647 करोड़ की सब्सिडी को मंजूरी दी गई है जिससे सौर ऊर्जा अपनाने को काफी बढ़ावा मिला है।